उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का एक और मामला देखने को मिल रहा है. यह मामला उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले के प्रताप नगर प्रखंड के पट्टी भदुरा के रोणीया ओनाल गांव का है.
जहां 32 साल की महिला रामचंद्रि देवी पत्नी धनपाल सिंह रावत सामान्य प्रसव पीड़ा होने पर घर से चलकर सड़क पर आई और गाड़ी में बैठकर लमगांव चौड़ अस्पताल पहुंच गई. परिजनों के अनुसार डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक परीक्षण के बाद रामचंद्रि देवी को अस्पताल में ही रुकने को कहा और कहा कि जल्दी ही प्रसव हो जाएगा।
आपको बता दे महिला को अस्पताल में 3 घंटे बीत चुके थे लेकिन अचानक महिला को ज्यादा दर्द हुआ तो अस्पताल ने रामचंद्रि देवी को तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया। जिसके बाद रामचंद्रि देवी को एंबुलेंस के माध्यम से टिहरी गढ़वाल के जिला चिकित्सालय लाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही जच्चा बच्चा ने दम तोड दिया।
आपको बता दे रामचंद्रि देवों के पहले से एक 9 वर्ष का बेटा और एक 3 वर्ष की बेटी है जो की सामान्य प्रसव से हो रखे है। महिला के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है परिजनों का कहना है की पुरे जनपद में मात्र दो ही अस्पताल है। और प्रताप नगर के किसी भी अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट नहीं है।स्वास्थ्य विभाग को लेकर सरकार दिखावे तो बड़े बड़े करतीं है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।