भाई ने भी गढ़वाली भाषा में छपवाया बहन की शादी का कार्ड, सबको दिया ये खास संदेश, जमकर हो रही भाई की तारीफ

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Brother also got sister's wedding card printed in Garhwali, gave this special message to everyone, brother is being praised a lot.
Brother also got sister's wedding card printed in Garhwali, gave this special message to everyone, brother is being praised a lot. (Image: Dainik Circle)

गढ़वाली भाषा के साथ-साथ नशे से मुक्ति और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए छपवाया बेटी की शादी का कार्ड पहली बार लोगों ने ऐसा कार्ड देखा जिसमें इतनी चीजें सम्मिलित हैं।– गढ़वाली भाषा के संरक्षण की दिशा में कई लोग सामने आए हैं, इसी दिशा में एक अलग और महत्वपूर्ण पहल को देखकर आपको खुशी होगी,जहां पिता ने अपनी बेटी की शादी के कार्ड को गढ़वाली भाषा में छपवाया है।और साथ-साथ इसके प्रारंभ में नशा मुक्ति का एक नारा “नशे को ना जिंदगी को हां” को प्राथमिकता दी है।

बेटी के पिता का कहना है कि नशा मुक्ति शादी केवल तभी हो सकती है,जब जिसके घर में शादी हो और किसी सदस्य के हृदय से बदलाव की भावना आएगी, तो वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘मैती वृक्षारोपण’को केवल कार्ड में ही स्थान नहीं दिया है बल्कि यह धरातल पर किए भी हैं।

उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ तहसील के टिपरी (बिष्ट) में 26 27 नवंबर 2023 को संपन्न हुई शादी का कार्ड ब्योली शशि के पिता शिव सिंह महन्त(आयुर्वेदिक विभाग) ने शादी का कार्ड गढ़वाली में छपाया है ।यह वाकई एक अनोखी और महत्वपूर्ण पहल है जो गढ़वाली भाषा को संरक्षित रखने के लिए और पर्यावरण संरक्षण, नशा मुक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

कार्ड में मुख्यतः–‘भाषा बचाओ संस्कृति बचाओ।’ “नशे को ना जिंदगी को हां”, ‘व्यौ कु लग्न’, मैती वृक्षारोपण,ऐतवार जैसे कई शब्द आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं । यह खबर सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही है,और लोग इसे खूब सराह रहे हैं।

आर्टिकल दुल्हन के भाई के द्वारा लिखा गया है। 

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