सिपाही का शव देख फफक पड़ी मंगेतर, दो महीने बाद होनी थी शादी; साथी पुलिसकर्मियों के भी छलके आंसू

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Seeing the dead body of the constable, the fiancee was shocked, the marriage was to take place after two months; Tears were shed by fellow policemen also
Seeing the dead body of the constable, the fiancee was shocked, the marriage was to take place after two months; Tears were shed by fellow policemen also

यूपी के कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी गई. इस फायरिंग में सिपाही सचिन राठी घायल हो गए. इलाज के लिए उन्हें कानपुर के अस्पताल लाया गया. जहां आज उन्होंने दम तोड़ दिया. सिपाही सचिन की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. महकमे में भी शोक की लहर है. दो महीने बाद (फरवरी, 2024) उनकी शादी होनी थी. लेकिन उससे पहले घर में मातम पसर गया. 

जिस वक्त अस्पताल से सचिन का शव बाहर निकला, उनकी मंगेतर भी वहां मौजूद थीं. रोते-बिलखती सचिन की मंगेतर को किसी तरह घरवालों ने संभाला. वह बार-बार शव वाहन में बैठने की जिद कर रही थी. बाद में परिजन उन्हें दूसरी कार में बैठाकर ले गए. माहौल बेहद भावुक कर देने वाला था. वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं.

शहीद सिपाही कुल तीन बहन-भाई हैं. एक छोटी बहन है जबकि एक बड़ा भाई है. पिता जी खेती-किसानी करते हैं. पूरा परिवार मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि सचिन की मंगेतर भी सिपाही है. वह सौरिख थाने में तैनात है.

जब गोली लगने के बाद सिपाही सचिन राठी को अस्पताल लाया गया तो उनके साथ तमाम पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. लहूलुहान सचिन को देख उनके साथियों की आंखों में आंसू आ गए थे. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि जिस सचिन के साथ वो कुछ देर पहले ड्यूटी पर थे, वो अब इस दुनिया में नहीं है. सचिन ने ड्यूटी करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे का एनकाउंटर

बता दें कि मामला थाना बिशुनगढ क्षेत्र के ग्राम धरनी धीरपुर नगरिया का है, जहां सोमवार शाम पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना यादव को पकड़ने गई थी. उसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. लेकिन घर के बाहर पहुंचते ही हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें अशोक यादव का बेटा भी शामिल था.

जब तक पुलिस कुछ समझ पाती एक गोली सिपाही सचिन राठी को लग गई. वो जमीन पर गिर पड़े. लहूलुहान हालत में आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने कानपुर हायर सेंटर रेफर कर दिया. लेकिन बदकिस्मती से सचिन को नहीं बचाया जा सका.

वहीं, इस घटना के बाद पुलिस ने चारों तरफ से हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव के घर को घेर लिया. इस बीच अंधेरा होने पर अशोक अपने बेटे के साथ भागने की फिराक में था. जब पुलिस ने उसे रोका तो उसने फिर फायरिंग कर दी. जिसके बाद जवाबी फायरिंग में बाप-बेटे के पैर में गोली लग गई और उन्हें पकड़ लिया गया . इनके पास से दो तमंचे बरामद किये गए हैं. घर की तलाशी में एक डबल बैरल राइफल भी बरामद की गई गई.

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