देहरादून के IMA में पढ़ चुका है तालिबान का टॉप कमांडर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई, उस समय थी 20 साल उम्र….

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Taliban's top commander Mohammad Abbas Stanikzai was once a cadet in IMA Dehradun

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद तालिबानी राज एक बार फिर कायम हो रहा है और जल्द ही उनकी सरकार भी बनने जा रही है। तालिबानी सरकार की घोषणा के बाद कुछ प्रमुख नेता काफी चर्चा में है। इन्हीं में से एक हैं शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई। जो आपका आन तालिबान के वरिष्ठ नेता और संगठन के प्रमुख भाषणकर्ता भी है। 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही मोहम्मद अब्बास दोहा में रह रहे हैं। तालिबान के 7 सबसे ताकतवर नेताओं में से एक शेर मोहम्‍मद अब्‍बास स्‍टानिकजई (60) किसी वक़्त देहरादून की इंडियन मिलिटरी अकैडमी में जेंटलमैन कैडेट था।

1982 के आईएमए के बैच में उनके साथियों ने उनका नाम शेरू रखा था। उसके साथी बताते हैं कि स्‍टानिकजई मजबूत शरीर का था और उसकी लंबाई काफी ज्यादा थी, और वह कट्टर धार्मिक विचारों वाला व्यक्ति भी नहीं था। स्‍टानिकजई की उम्र उस समय लगभग 20 साल की थी। जब वह भगत बटैलियन की केरेन कंपनी में 45 जेंटलमैन कैडेट के साथ आईएमए में आया।

रिटायर्ड मेजर जनरल डीए चतुर्वेदी, जो स्तानिकजई के बैचमेट रहे हैं, उसके बारे में बताते हुए कहते हैं कि शेर मोहम्मद 20 साल का था, जब वो आईएमएम आया था। “वह एक दिलकश आदमी था, जो अन्य कैडेट से थोड़ा बड़ा लग रहा था। उस समय वो कट्टरपंथी विचारधारा का नहीं था। वह एक औसत अफगान कैडेट था।

2015 में उन्हें दोहा स्थित तालिबानी राजनीतिक कार्यालय का मुख्य बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। इसके साथ ही वह अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते में भी शामिल थे। और वह अब तक कई देशों की राजनीतिक यात्राओं में तालिबान का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। आईएमए से पहले उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। वह 1996 में अमेरिका भी गए थे, जहां उन्होंने तत्कालीन क्लिंटन सरकार से तालिबान शासित अफगानिस्तान को राजनयिक मान्यता देने के लिए कहा था। 

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