मात्र 21 साल की उम्र में शहीद हो गया था ये बच्चा, उसकी शहादत आज भी कलेजा चीर देती है।

19 साल की छोटी से उम्र में वो सेना में भर्ती हुआ और दो साल बाद सर्वोच्च बलिदान देकर चला गया। जम्मू कश्मीर के बलनोई क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों की तरफ से स्नाइपर शॉट दागा गया था

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This child was martyred at just 21 years of age, his martyrdom still rips the heart.

भारतीय जवानों के जुनून और हौसले के बहुत सी खबर हमे रोज सुनने को मिलती है।जिससे सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।ऐसी ही एक खबर सन 2017 की है जहां देवभूमि का लाल देश के लिए अपने जान न्यूछावर कर शहीद हो गया। वह देश का लाल है पवन सिंह सुगडा।

पवन 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। बचपन से ही उनमें देशभक्ति का जुनून सवार था। देश की रक्षा के लिए व हर जगह हुंकार भरते थे। पवन ने स्कूली ‌शिक्षा इंटर विवेकानंद गंगोलीहाट से पूरी की। पवन जब पिथौरागढ् महाविद्यालय से बीए सेकंड ईयर में पढ़ रहे थे, उसी दौरान सेना में भर्ती हुए थे। पवन चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई धकरज सुगड़ा हल्द्वानी कोतवाली में कार्यरत हैं। इसके अलावा पवन की दो बहने भी हैं। पवन सिंह के पिता दान सिंह सुगड़ा भी आर्मी से रिटायर्ड हैं। पिता से ही पवन ने देशभक्ति सीखी और सेना में जाकर देश की रक्षा करने का फैसला लिया।पवन की शहादत की खबर मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया।यह भी पड़े:इस बैटल स्कूल से निकलते हैं सरहद और घाटी के रखवाले, जो होते है पाकिस्तान का काल….

19 साल की छोटी से उम्र में वो सेना में भर्ती हुआ और दो साल बाद सर्वोच्च बलिदान देकर चला गया। जम्मू कश्मीर के बलनोई क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों की तरफ से स्नाइपर शॉट दागा गया था। पवन इसका निशाना बन गए। दरअसल इससे ठीक पहले भारतीय सेना ने आतंकियों के सगरना अबु दुजाना को ढेर किया था। इसके बाद भारतीय सेना को शोपियां जिले के जायपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना अपने अभियान पर निकली थी।9 अगस्त 2017 को ही खबर आई थी कि पवन जम्मू कश्मीर के पुंछ में शहीद हो गए। आप समझ सकते हैं कि जवान बेटे का इस तरह चला जाना कितना दर्द देता है।

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