आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपना अदम्य साहस दिखाने वाले,अपना जान को देश के खिलाफ झोंक कर देश की हिफाजत में अपना भरपूर योगदान देने वाले भारतीय सेना के 4 वीर योद्धाओं को शौर्य पदक दिया जाएगा जी हां दोस्तों 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सेना के जवानों के लिये वीरता पदकों को मंजूरी दी है। आपको बता दें 4 जाबांजो में शामिल है इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर विसक सिंह नायर, हवलदार आलोक दुबे, अनिल उर्स तथा थल सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत जी। इसके अलावा सेना के 31 जवानों को वीरता पुरुष्कार से संम्मानित किया जाएगा।
शौर्य चक्र विजेताओं में देवभूमि उत्तराखंड के कर्नल कृष्ण सिंह रावत भी शामिल हैं। जिन्होंने नियंत्रण रेखा पर आतंकवादी घुसपैठ को रोकने के लिये हर संभव प्रयास किया। एक भी आतंकी ऐसा रहा हो जो सीमा के इस पार आ गया हो। आपको बता दें यह घुसपैठ आपरेशन में टीम लीडर के रूप में तैनात थे जिन्होंने आतंकवादियों के घुसपैठ संबंधित सभी प्लान्स पर पानी फेर दिया जी हां इन्होंने घुसपैठ सम्भावित रास्तों पर सैनिकों को तैनात कर दिया। 36 घण्टों के लंबे अंतराल के बाद उनकी टीम द्वारा एक आतंवादी समूह नियंत्रण रेखा के आस पास मंडराता हुआ नज़र आया घुसपैठियों की हर कोशिश पर पानी फेरते हुए इन्होंने 2 आतंकवादियों को वहीं निस्तनाबूत कर दिया जबकि 1 आतंकी को बुरी तरह घायल कर दिया। आपको बता दें रावत जी को शौर्य चक्र से संम्मानित होने की बात जब देवभूमि उत्तराखंड के लोगों को पता चली तो लोगों के अंदर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी लोगों को गर्व महसूस हुआ।
दोस्तों वीर वीरंगनाओ को भूमि में कर्नल कृष्ण सिंह रावत का जन्म 15 मार्च सन 1985 में अल्मोड़ा के भिकियासैंण में हुआ। लेकिन यह किसी कारणवस राजधानी नई दिल्ली में चले गए। इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी दिल्ली स्तिथ सरोजनी नगर ग्रीन फ़ील्ड स्कूल व नवयुग स्कूल से हुई। यह पैराशूट रेजिमेंट के विशेष दल में शामिल हो गए। वहीं इनको 2010 में सेना मेडल से संम्मानित किया गया और आज अदम्य साहस के चलते इनको शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा। इनके साथ सभी भारतीय जवानों को जय हिंद स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाइयां।