Garhwal Rifles: देश सेवा की कसम खाकर 179 जवान भारतीय सेना में हुए शामिल…

बीते शनिवार यानी पंद्रह अगस्त स्वंतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड के लैंसडाउन जहां की गढ़वाल रेजिमेंट का रेजिमेंटल सेंटर हैं यहां कसम परेड समारोह का आयोजन हुआ जिज़में कोर 93 के 179 जवानों को भारतीय थल सेना का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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179 new jawans join the Garhwal Rifles Indian Army

देश की सीमाओं पर दिन रात बगैर अपनी जान की परवाह किये हर भारतीय जवान हमारे ख़ातिर जान देने को भी तैयार रहता है। तपती धूप हो या कड़कती ठंड अर्थात हालात चाहे कैसे भी हों उनका सिर्फ एक ही मकसद होता है। देश की रक्षा। वैसे तो भारतीय सेना में अनेकों रेजिमेंट हैं और लाखों सैनिकों की तादाद है लेकिन भारतीय सेना का उत्तराखंड राज्य से कुछ अलग ही नाता है। उत्तराखंड के पहाड़ी नौजवानों में जो जज़्बा अपने देश की रक्षा करने के लिये होता है। उतना शायद ही अन्य राज्य के युवाओं के पास हो। जी हां दोस्तों उत्तराखंड के पहाड़ी नौजवानों केवल सेना को एक नौकरी नहीं समझते सैन्य परम्परा के खातिर उनका एक अलग ही सम्मान है। जिसे के सालों से यहां के लोग निभाते आ रहे हैं। इसी बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड के कुछ नवयुवकों ने भारतीय सेना में शामिल होने का मुकाम हासिल किया। इस गौरवशाली पल ने राज्य का नाम एक बार फिरसे रोशन कर दिखाया। आगे पढ़ें।

बीते शनिवार यानी पंद्रह अगस्त स्वंतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड के लैंसडाउन जहां की गढ़वाल रेजिमेंट का रेजिमेंटल सेंटर हैं यहां कसम परेड समारोह का आयोजन हुआ जिज़में कोर 93 के 179 जवानों को भारतीय थल सेना का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। युवकों की कड़ी मेहनत उनको उनके मुकाम तक पहुंचा गयी। उत्तराखंड राज्य के लिये इस गौरवशाली पल में सेंटर नायक भवानी दत्त जोशी ने युवकों के साथ देश की सेवा के लिये सपथ दिलवाई। अब यह 179 जवान भारतीय सेना का हिस्सा बन चुके हैं। भगवत गीता व राष्ट्रीय ध्वज को साक्षी मानकर सभी नौजवानों ने सच्चे दिल से देश सेवा करने की कसम खाई। आपको बता दें कर्नल विनीत बाजपेयी ने इस मौके पर सलामी ग्रहण की। उन्होंने साथ ही बताया कि नौजवानों ने अपने जीवन में सेना में भर्ती होकर सबसे बड़ा व अहम निर्णय लिया है। आगे पढ़ें।

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लेकिन कोविड महामारी के चलते इस समारोह में सैनिकों के परिजन शामिल नहीं हुए। कोर 93 में प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राइफल मैन शुभम रावत को स्वर्ण पदक से संम्मानित किया गया जबकि रजत पदक राइफलमैन विपिन रावत को दिया गया। वहीं कांस्य पदक से अनिकेष रावत को नवाजा गया। इतना ही नहीं शारीरिक प्रशिक्षण में उत्तम प्रदर्शन के लिये राइफल मैन अमित नेगी को भी सम्मान दिया गया जबकि प्रशिक्षण का सबसे बढ़िया श्रेय ब्रावो कंपनी के हवलदार महिपाल सिंह को गया। सेना में भर्ती होने के गर्व पूर्ण क्षण से 179 जवानों के परिवारों में खुशी का माहौल है। इसी के साथ दैनिक सर्किल सभी जवानों को उनके इस मुकाम को हासिल करने पर ढेरों शुभकामनाएं व बधाई देता है।
जय भारतीय सेना
जय हिंद

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